उत्तर प्रदेश की नयी हुकूमत का स्वरूप कैसा होगा यह तो 11 मार्च की ऐतिहासिक तारीख ही बताएगी लेकिन सम्भावित सरकार के स्वरूप के विषय में तमाम तरह की अटकलों की दुकानदारी सियासी चौपालों पर खूब चल रही है। टेलीविजन चैनलों पर डिबेटनुमा हो रही चुनावी चकल्लस से लेकर अखबारों के विश्लेषणों तक में वोटिंग पैटर्न, ट्रेंड, रुझान, समीकरण आदि के माध्यम से अवध प्रदेश के मन, बुन्देलखण्ड के दर्द, पूर्वांचल की पहचान तथा पश्चिम के पलायन और प्रतिकार को परिभाषित करने की कोशिश की जा रही है। सभी के मन में यह सवाल गूंज रहा है कि कैसा होगा यूपी का सियासी आसमान? क्या खत्म हो पाएगा भाजपा का वनवास? क्या अखिलेश हासिल कर सकेंगे टीपू से सुल्तान होने का कद? लोकसभा चुनावों में खाता खोलने को भी तरस गई बसपा क्या अपने वजूद की जंग को जीत पाएगी। एनपीए अकाउंट में तब्दील हो चुकी कांग्रेस के खाते में क्या जमा होगी मतों की राशि?...
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