जेहाद और निजामे-मुस्तफा के नाम पर बेघर किए गए लाखों कश्मीरी पंडितों के वापस लौटने के सारे रास्ते बेहद मुश्किल भरे हैं। घाटी में कश्मीरी पंडितों को वापस बसाने को लेकर अलगाववादी संगठनों की जैसी प्रतिक्रियाएं हुई हैं, वे बहुत स्वाभाविक हैं। यासीन मलिक जैसे अलगाववादी बयान दे रहे हैं कि यदि कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से टाउनशिप बसाई गई तो यहां इस्रायल जैसी स्थितियां पैदा हो जाएंगी।
न्यूज़ टाइम्स पोस्ट
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